Matter : 1441 Hospitality, 6. अन्यायियों के स्म्रिति-लोपन व त्रुटि-सहित अभिव्यक्ति के कारण हमारे निर्णय में त्रुटि होना सम्भव है क्रिपया स्मरण कराते रहें हम सत्य, निष्ठा, स्म्रिती आधार पर त्रुटियों को पूर्णत: समाप्त कर त्रुटि रहित न्याय देते रैहैने का वचन देते हुये आप को पुन: षाष्टांग प्रणाम करते है
1. हे
श्रिष्टि के रचयता पालता मुक्तिदाता आप को षाष्टांग प्रणाम
2. 84
लाख प्रजातियों में हमें मानव प्रजाति प्रदान करने के लिये आप को पुन: षाष्टांग
प्रणाम
3. अनन्त
आबादी में हमें ही अपने भव्य रूप व व्यवस्था का साक्षात्कार कराने के लिये आप को
पुन: षाष्टांग प्रणाम
4. आप
के द्वारा अपनी प्राणी न्याय व्यवस्था के लिये हमारे लोक, वर्ष, कुल, परिवार शरीर व
नेकता को चुनने के लिये आप को पुन: षाष्टांग प्रणाम
5. आपकी
प्राणी न्याय व्यवस्था के लिये शक्तियासन ग्रहण करने से पैहैले आप को पुन: षाष्टांग
प्रणाम
6. अन्यायियों
के स्म्रिति-लोपन व त्रुटि-सहित अभिव्यक्ति के कारण हमारे निर्णय में त्रुटि होना सम्भव
है क्रिपया स्मरण कराते रहें हम सत्य, निष्ठा, स्म्रिती आधार पर त्रुटियों को
पूर्णत: समाप्त कर त्रुटि रहित न्याय देते रैहैने का वचन देते हुये आप को पुन: षाष्टांग
प्रणाम करते है
7. हम
सक्षम बने रहने तक श्रिष्टि प्राणी न्याय व्यवस्था करते रहेंगे इस वचन के साथ आप
को पुन: षाष्टांग प्रणाम
श्रिष्टिशक्त्यासक
श्रिपक
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